चीन ने जलवायु वित्तपोषण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आह्वान किया

बीजिंग, 25 नवंबर (आईएएनएस)। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ता दलों की 29वीं महासभा अज़रबैजान की राजधानी बाकू में संपन्न हुई। विभिन्न दलों ने जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए नई पूंजी के लक्ष्य और पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 को लागू करने के लिए विस्तृत नियमों सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति बनाई। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस महासभा की उपलब्धियां "साझा लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों" के सिद्धांत को दर्शाती हैं और जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि जलवायु वित्त पोषण के नए लक्ष्य के लिए विकसित देशों को 2035 से पहले कम से कम 3 खरब डॉलर सालाना प्रदान करने और जुटाने की आवश्यकता है। यह पूंजी विकासशील देशों के लिए जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक होगी।उन्होंने बताया कि चीन विकसित देशों से विकासशील देशों को वित्तीय रूप से समर्थन देने के अपने दायित्वों को वास्तव में पूरा करने का आग्रह करता है। इसके अलावा, चीन जब भी संभव हो, दक्षिण-दक्षिण सहयोग के माध्यम से अपने जलवायु प्रयासों में अन्य विकासशील देशों के लिए अपना समर्थन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)--आईएएनएसएबीएम/

Nov 25, 2024 - 09:45
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चीन ने जलवायु वित्तपोषण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आह्वान किया

बीजिंग, 25 नवंबर (आईएएनएस)। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ता दलों की 29वीं महासभा अज़रबैजान की राजधानी बाकू में संपन्न हुई। विभिन्न दलों ने जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए नई पूंजी के लक्ष्य और पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 को लागू करने के लिए विस्तृत नियमों सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति बनाई।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस महासभा की उपलब्धियां "साझा लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों" के सिद्धांत को दर्शाती हैं और जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।

प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि जलवायु वित्त पोषण के नए लक्ष्य के लिए विकसित देशों को 2035 से पहले कम से कम 3 खरब डॉलर सालाना प्रदान करने और जुटाने की आवश्यकता है। यह पूंजी विकासशील देशों के लिए जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक होगी।

उन्होंने बताया कि चीन विकसित देशों से विकासशील देशों को वित्तीय रूप से समर्थन देने के अपने दायित्वों को वास्तव में पूरा करने का आग्रह करता है। इसके अलावा, चीन जब भी संभव हो, दक्षिण-दक्षिण सहयोग के माध्यम से अपने जलवायु प्रयासों में अन्य विकासशील देशों के लिए अपना समर्थन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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