इजरायल-लेबनान युद्धविराम समझौते से क्षेत्र में व्यापक शांति और स्थिरता आने की उम्मीद: भारत

नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। भारत ने बुधवार को इजरायल और लेबनान के बीच युद्ध विराम की घोषणा का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में व्यापक शांति और स्थिरता आएगी, जो लंबे संघर्ष के कारण तनाव में घिरा हुआ है।विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "हम इजरायल और लेबनान के बीच घोषित युद्ध विराम का स्वागत करते हैं। हमने हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने, बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की बात कही है। हमें उम्मीद है कि इन घटनाक्रमों से क्षेत्र में व्यापक शांति और स्थिरता आएगी।"पिछले एक साल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम एशिया में संघर्ष के बढ़ने पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और तनाव को कम करने की भारत की अपील को दोहराया।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम लेबनान में स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह 4 बजे (02:00 जीएमटी/सुबह 7:30 बजे भारतीय समय) लागू हो गया।इससे पहले मंगलवार को यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कहा कि इजरायल और लेबनान के बीच युद्ध विराम समझौते के बाद लेबनानी सेना एक बार फिर अपने क्षेत्र पर कब्जा कर लेगी। उन्होंने कहा, "अगले 60 दिनों में, इजरायल धीरे-धीरे अपनी बाकी सेना और नागरिकों को वापस बुला लेगा - दोनों पक्षों के नागरिक जल्द ही सुरक्षित रूप से अपने समुदायों में वापस लौट सकेंगे और अपने घरों का पुनर्निर्माण शुरू कर सकेंगे।"राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, "इसका उद्देश्य शत्रुता को स्थायी रूप से समाप्त करना है।"यूएस प्रेसिडेंट ने कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं कि अगर हिजबुल्लाह या कोई और इस समझौते को तोड़ता है और इजरायल के लिए सीधा खतरा पैदा करता है, तो इजरायल का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आत्मरक्षा का अधिकार बरकरार रहेगा।" उन्होंने कहा, "हिजबुल्लाह और अन्य आतंकवादी संगठनों के बचे हुए लोगों को फिर से इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा बनने की इजाजत नहीं दी जाएगी।"--आईएएनएसएमके/

Nov 27, 2024 - 10:27
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इजरायल-लेबनान युद्धविराम समझौते से क्षेत्र में व्यापक शांति और स्थिरता आने की उम्मीद: भारत

नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। भारत ने बुधवार को इजरायल और लेबनान के बीच युद्ध विराम की घोषणा का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में व्यापक शांति और स्थिरता आएगी, जो लंबे संघर्ष के कारण तनाव में घिरा हुआ है।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "हम इजरायल और लेबनान के बीच घोषित युद्ध विराम का स्वागत करते हैं। हमने हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने, बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की बात कही है। हमें उम्मीद है कि इन घटनाक्रमों से क्षेत्र में व्यापक शांति और स्थिरता आएगी।"

पिछले एक साल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम एशिया में संघर्ष के बढ़ने पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और तनाव को कम करने की भारत की अपील को दोहराया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम लेबनान में स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह 4 बजे (02:00 जीएमटी/सुबह 7:30 बजे भारतीय समय) लागू हो गया।

इससे पहले मंगलवार को यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कहा कि इजरायल और लेबनान के बीच युद्ध विराम समझौते के बाद लेबनानी सेना एक बार फिर अपने क्षेत्र पर कब्जा कर लेगी। उन्होंने कहा, "अगले 60 दिनों में, इजरायल धीरे-धीरे अपनी बाकी सेना और नागरिकों को वापस बुला लेगा - दोनों पक्षों के नागरिक जल्द ही सुरक्षित रूप से अपने समुदायों में वापस लौट सकेंगे और अपने घरों का पुनर्निर्माण शुरू कर सकेंगे।"

राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, "इसका उद्देश्य शत्रुता को स्थायी रूप से समाप्त करना है।"

यूएस प्रेसिडेंट ने कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं कि अगर हिजबुल्लाह या कोई और इस समझौते को तोड़ता है और इजरायल के लिए सीधा खतरा पैदा करता है, तो इजरायल का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आत्मरक्षा का अधिकार बरकरार रहेगा।" उन्होंने कहा, "हिजबुल्लाह और अन्य आतंकवादी संगठनों के बचे हुए लोगों को फिर से इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा बनने की इजाजत नहीं दी जाएगी।"

--आईएएनएस

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