अमेरिका के मूल न‍िवास‍ियों ने हिंसा और स्वदेशी महिलाओं की तस्करी के खिलाफ किया कार्रवाई का आह्वान

न्यूयॉर्क, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका के मूल निवासियों ने शनिवार को तीसरे वार्षिक राष्ट्रीय स्वदेशी लोगों की परेड के दौरान स्वदेशी महिलाओं के खिलाफ लंबे समय से चली आ रही हिंसा और यौन तस्करी को बंद करने का आग्रह किया। सीकोनके वम्पानोग जनजाति की सदस्य जूनिस गोल्डन फेदर ब्लिस ने परेड में समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ से कहा,"हम लोग अभी भी परिदृश्य से गायब हैं, और हमारा संज्ञान नहीं ल‍िया जा रहा।" बता दें कि इस परेड में अमेरिका, कनाडा और मध्य तथा दक्षिण अमेरिका की दस से अधिक जनजातियों के मूल अमेरिकी लोगों ने भाग लिया।श‍िन्हुआ के अनुसार, ब्लिस ने कहा कि अमेरिका में यौन तस्करी की शिकार 40 प्रतिशत महिलाएं अमेर‍िका की मूल निवासी हैं और ये महिलाएं लगातार हिंसा का शिकार हो रही हैं तथा 96 प्रतिशत मामले तो रिपोर्ट ही नहीं किया जाता।ब्लिस ने कहा, "हम यहां 'रेड हैंड मूवमेंट' के बारे में जागरूक करने के लिए आए हैं। अमेर‍िका की मूल न‍िवासी बहुत सी महिलाएं गायब हो चुकी हैं या उनकी हत्या कर दी गई है।"उन्होंने कहा कि संसाधनों के आवंटन के अलावा, इस मुद्दे के समाधान के ल‍िए नीति और डेटा संग्रह पर ध्यान दिया जाना चाहिए।लेनेप मूल अमेरिकियों द्वारा आयोजित, आधे दिन की परेड मैडिसन स्क्वायर पार्क से ब्रॉडवे के साथ यूनियन स्क्वायर तक पारंपरिक लेनाप शिकार के मैदानों से होकर गुजरी। मूूल अमेरिकियों ने अपनी वेशभूषा, संगीत, नृत्य के साथ प्रदर्शन किया।रामापोघ लेनाप राष्ट्र के हिरण कबीले की प्रमुख कार्ला अलेक्जेंडर ने कहा, "हम दुनिया के सभी स्वदेशी लोगों का सम्मान करते हैं। कोई भी व्यक्ति जो नरसंहार से गुजरा है, कोई भी व्यक्ति जिसे किसी अन्य संस्कृति द्वारा अपमानित किया गया है।"अलेक्जेंडर ने कहा, "हम सभी संस्कृतियों के संवर्धन की कोशिश करते हैं, ताकि सभी लोग प्यार और शांति से साथ रहें।"अत्सिला फायरबर्ड ग्रेवुल्फ ने कहा कि न्यूयॉर्क शहर में हजारों मूल अमेर‍िकी रहते हैं। "लोग यह नहीं सोचते कि मूल अमेरिकी अभी भी मौजूद हैं।"ग्रेवुल्फ ने कहा, "परेड हमें अपनी सुंदरता दिखाने का मौका देती है और यह कि हम अभी भी यहां हैं।" परेड के दौरान मूल अमेरिकी लोगों के एक समूह ने "हम अभी भी यहां हैं" का नारा लगाया। कुछ प्रतिभागियों की टी-शर्ट पर भी ये शब्द छपे थे।--आईएएनएसआरके/सीबीटी

Oct 20, 2024 - 12:47
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अमेरिका के मूल न‍िवास‍ियों ने हिंसा और स्वदेशी महिलाओं की तस्करी के खिलाफ किया कार्रवाई का आह्वान

न्यूयॉर्क, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका के मूल निवासियों ने शनिवार को तीसरे वार्षिक राष्ट्रीय स्वदेशी लोगों की परेड के दौरान स्वदेशी महिलाओं के खिलाफ लंबे समय से चली आ रही हिंसा और यौन तस्करी को बंद करने का आग्रह किया।

सीकोनके वम्पानोग जनजाति की सदस्य जूनिस गोल्डन फेदर ब्लिस ने परेड में समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ से कहा,"हम लोग अभी भी परिदृश्य से गायब हैं, और हमारा संज्ञान नहीं ल‍िया जा रहा।" बता दें कि इस परेड में अमेरिका, कनाडा और मध्य तथा दक्षिण अमेरिका की दस से अधिक जनजातियों के मूल अमेरिकी लोगों ने भाग लिया।

श‍िन्हुआ के अनुसार, ब्लिस ने कहा कि अमेरिका में यौन तस्करी की शिकार 40 प्रतिशत महिलाएं अमेर‍िका की मूल निवासी हैं और ये महिलाएं लगातार हिंसा का शिकार हो रही हैं तथा 96 प्रतिशत मामले तो रिपोर्ट ही नहीं किया जाता।

ब्लिस ने कहा, "हम यहां 'रेड हैंड मूवमेंट' के बारे में जागरूक करने के लिए आए हैं। अमेर‍िका की मूल न‍िवासी बहुत सी महिलाएं गायब हो चुकी हैं या उनकी हत्या कर दी गई है।"

उन्होंने कहा कि संसाधनों के आवंटन के अलावा, इस मुद्दे के समाधान के ल‍िए नीति और डेटा संग्रह पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

लेनेप मूल अमेरिकियों द्वारा आयोजित, आधे दिन की परेड मैडिसन स्क्वायर पार्क से ब्रॉडवे के साथ यूनियन स्क्वायर तक पारंपरिक लेनाप शिकार के मैदानों से होकर गुजरी। मूूल अमेरिकियों ने अपनी वेशभूषा, संगीत, नृत्य के साथ प्रदर्शन किया।

रामापोघ लेनाप राष्ट्र के हिरण कबीले की प्रमुख कार्ला अलेक्जेंडर ने कहा, "हम दुनिया के सभी स्वदेशी लोगों का सम्मान करते हैं। कोई भी व्यक्ति जो नरसंहार से गुजरा है, कोई भी व्यक्ति जिसे किसी अन्य संस्कृति द्वारा अपमानित किया गया है।"

अलेक्जेंडर ने कहा, "हम सभी संस्कृतियों के संवर्धन की कोशिश करते हैं, ताकि सभी लोग प्यार और शांति से साथ रहें।"

अत्सिला फायरबर्ड ग्रेवुल्फ ने कहा कि न्यूयॉर्क शहर में हजारों मूल अमेर‍िकी रहते हैं। "लोग यह नहीं सोचते कि मूल अमेरिकी अभी भी मौजूद हैं।"

ग्रेवुल्फ ने कहा, "परेड हमें अपनी सुंदरता दिखाने का मौका देती है और यह कि हम अभी भी यहां हैं।" परेड के दौरान मूल अमेरिकी लोगों के एक समूह ने "हम अभी भी यहां हैं" का नारा लगाया। कुछ प्रतिभागियों की टी-शर्ट पर भी ये शब्द छपे थे।

--आईएएनएस

आरके/सीबीटी

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