न्यूजीलैंड के स्कूलों में छात्रों की अनुपस्थिति हुई दोगुनी : रिपोर्ट

वेलिंगटन, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड के माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की लगातार अनुपस्थिति पिछले दशक में दोगुनी हो गई है और प्राथमिक विद्यालयों में लगभग तीन गुनी हो गई है। बुधवार को प्रकाशित शिक्षा समीक्षा कार्यालय (ईआरओ) की रिपोर्ट के अनुसार, इस समस्या से निपटने की प्रणाली अप्रभावी और विफल है।समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सह शिक्षा मंत्री डेविड सेमोर ने कहा कि रिपोर्ट में अनुपस्थिति संकट के और सबूत सामने आए हैं।रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष दूसरे सत्र में, 10 में से एक छात्र लगातार अनुपस्थित रहा, जबकि 80,000 से अधिक छात्र सत्र के दौरान तीन सप्ताह से अधिक समय तक स्कूल से गायब रहे।ईआरओ के शिक्षा मूल्यांकन केंद्र की प्रमुख रूथ शिनोडा ने कहा, 'स्कूल से लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्रों की संख्या संकट के बिंदु पर है और छात्रों के भविष्य को नुकसान पहुंचा रही है।'शिनोदा ने कहा कि जो छात्र लगातार स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं, उनमें अपराध करने की दर अधिक होती है, उनके अपराध के शिकार होने की संभावना अधिक होती है, तथा वयस्क होने पर उनके सामाजिक और आपातकालीन आवास में रहने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर, उन पर सरकार को स्कूल जाने वाले छात्रों की तुलना में तीन गुना अधिक खर्च करना पड़ता है।ईआरओ के अनुसार, काफी कोशिश के बावजूद छात्रों को स्कूल वापस लाने का वर्तमान तरीका अप्रभावी रहा और इसमें पर्याप्त सुधार की आवश्यकता है।रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुपस्थिति के निहितार्थों के बारे में समझ की कमी है। एजेंसियों के बीच कम सूचना शेयर करने से उपस्थिति सेवाओं पर दबाव पड़ रहा है।सेमोर ने कहा कि सरकार ने शिक्षा, सामाजिक विकास, बच्चों और पुलिस मंत्रालयों और अन्य विभागों के साथ अनुपस्थिति पर एक राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत शुरू की है, जिससे मजबूत सूचना साझा समझौते विकसित किए जा सकें।--आईएएनएसएससीएच/एएस

Oct 30, 2024 - 09:42
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न्यूजीलैंड के स्कूलों में छात्रों की अनुपस्थिति हुई दोगुनी : रिपोर्ट

वेलिंगटन, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड के माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की लगातार अनुपस्थिति पिछले दशक में दोगुनी हो गई है और प्राथमिक विद्यालयों में लगभग तीन गुनी हो गई है। बुधवार को प्रकाशित शिक्षा समीक्षा कार्यालय (ईआरओ) की रिपोर्ट के अनुसार, इस समस्या से निपटने की प्रणाली अप्रभावी और विफल है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सह शिक्षा मंत्री डेविड सेमोर ने कहा कि रिपोर्ट में अनुपस्थिति संकट के और सबूत सामने आए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष दूसरे सत्र में, 10 में से एक छात्र लगातार अनुपस्थित रहा, जबकि 80,000 से अधिक छात्र सत्र के दौरान तीन सप्ताह से अधिक समय तक स्कूल से गायब रहे।

ईआरओ के शिक्षा मूल्यांकन केंद्र की प्रमुख रूथ शिनोडा ने कहा, 'स्कूल से लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्रों की संख्या संकट के बिंदु पर है और छात्रों के भविष्य को नुकसान पहुंचा रही है।'

शिनोदा ने कहा कि जो छात्र लगातार स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं, उनमें अपराध करने की दर अधिक होती है, उनके अपराध के शिकार होने की संभावना अधिक होती है, तथा वयस्क होने पर उनके सामाजिक और आपातकालीन आवास में रहने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर, उन पर सरकार को स्कूल जाने वाले छात्रों की तुलना में तीन गुना अधिक खर्च करना पड़ता है।

ईआरओ के अनुसार, काफी कोशिश के बावजूद छात्रों को स्कूल वापस लाने का वर्तमान तरीका अप्रभावी रहा और इसमें पर्याप्त सुधार की आवश्यकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुपस्थिति के निहितार्थों के बारे में समझ की कमी है। एजेंसियों के बीच कम सूचना शेयर करने से उपस्थिति सेवाओं पर दबाव पड़ रहा है।

सेमोर ने कहा कि सरकार ने शिक्षा, सामाजिक विकास, बच्चों और पुलिस मंत्रालयों और अन्य विभागों के साथ अनुपस्थिति पर एक राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत शुरू की है, जिससे मजबूत सूचना साझा समझौते विकसित किए जा सकें।

--आईएएनएस

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