मारबर्ग वायरस का कोई नया मामला नहीं आया सामने, मरीज ठीक हो रहे हैं: रवांडा के स्वास्थ्य मंत्री

किगाली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। रवांडा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सबिन न्सांजिमाना ने कहा कि पिछले पांच दिनों से देश में मारबर्ग वायरस रोग (एमवीडी) का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, जो इस घातक वायरस के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत देता है। रवांडा की राजधानी किगाली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. सबिन ने कहा कि देश वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखे हुए है।उन्होंने कहा, "बीमारी से संक्रमित 62 व्यक्तियों में से लगभग 15 की मौत हो गई, जबकि अधिकांश मरीज ठीक हो रहे है। वर्तमान में केवल तीन लोगों का ही इलाज चल रहा है। दस दिनों से अधिक समय तक इंट्यूबेशन (मुंह के जरिए प्लास्टिक की नली को श्वास नली तक पहुंचाए जाने की प्रक्रिया) पर रहने वाले दो रोगियों को एक्सट्यूब किया गया है, जो देश के हित में एक अच्छी खबर है।''सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार डॉ. सबिन ने कहा कि यह पहली बार है जब अफ्रीका में मारबर्ग के रोगियों को एक्सट्यूब किया गया है, जो इस वायरस से लड़ने के लिए ठीक होने की संभावना को दिखाता है।उन्होंने एमवीडी खतरे से निपटने के लिए रवांडा के सक्रिय उपायों पर जोर दिया, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं और प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं का टीकाकरण, बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल और सार्वजनिक सतर्कता की आवश्यकता शामिल है।उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों के साथ रवांडा के मिल के काम करने की बात दोहराई ताकि निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणालियों को मजबूत किया जा सके और किसी भी संभावित मामले का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करना सुनिश्चित किया जा सके।रवांडा के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ''पिछले पांच से छह दिनों में हमारे सामने संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। हमें उम्‍मीद है कि यह स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।''उन्होंने जीवन बचाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा, "अन्य मारबर्ग प्रकोपों ​​की तुलना में मृत्यु दर 24 प्रतिशत कम है। सहायक उपचार, गंभीर देखभाल और आईसीयू (गहन देखभाल इकाई) विशेषज्ञों की वजह से यह संभव हो पाया है।''आगे कहा कि प्रकोप के पहले दो हफ्तों के दौरान मारबर्ग संक्रमण दरों में कोई बड़ा अंतर नहीं आया है। हालांकि तीसरे हफ्ते के दौरान मामलों में 50 प्रतिशत की कमी आई। संक्रमण में 92 प्रतिशत की कमी आई है जो इस संक्रमण के तेजी से नियंत्रण में आने की उम्‍मीद जगाती है।--आईएएनएसएमकेएस/केआर

Oct 21, 2024 - 10:29
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मारबर्ग वायरस का कोई नया मामला नहीं आया सामने, मरीज ठीक हो रहे हैं: रवांडा के स्वास्थ्य मंत्री

किगाली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। रवांडा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सबिन न्सांजिमाना ने कहा कि पिछले पांच दिनों से देश में मारबर्ग वायरस रोग (एमवीडी) का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, जो इस घातक वायरस के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत देता है।

रवांडा की राजधानी किगाली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. सबिन ने कहा कि देश वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखे हुए है।

उन्होंने कहा, "बीमारी से संक्रमित 62 व्यक्तियों में से लगभग 15 की मौत हो गई, जबकि अधिकांश मरीज ठीक हो रहे है। वर्तमान में केवल तीन लोगों का ही इलाज चल रहा है। दस दिनों से अधिक समय तक इंट्यूबेशन (मुंह के जरिए प्लास्टिक की नली को श्वास नली तक पहुंचाए जाने की प्रक्रिया) पर रहने वाले दो रोगियों को एक्सट्यूब किया गया है, जो देश के हित में एक अच्छी खबर है।''

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार डॉ. सबिन ने कहा कि यह पहली बार है जब अफ्रीका में मारबर्ग के रोगियों को एक्सट्यूब किया गया है, जो इस वायरस से लड़ने के लिए ठीक होने की संभावना को दिखाता है।

उन्होंने एमवीडी खतरे से निपटने के लिए रवांडा के सक्रिय उपायों पर जोर दिया, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं और प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं का टीकाकरण, बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल और सार्वजनिक सतर्कता की आवश्यकता शामिल है।

उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों के साथ रवांडा के मिल के काम करने की बात दोहराई ताकि निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणालियों को मजबूत किया जा सके और किसी भी संभावित मामले का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करना सुनिश्चित किया जा सके।

रवांडा के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ''पिछले पांच से छह दिनों में हमारे सामने संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। हमें उम्‍मीद है कि यह स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।''

उन्होंने जीवन बचाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा, "अन्य मारबर्ग प्रकोपों ​​की तुलना में मृत्यु दर 24 प्रतिशत कम है। सहायक उपचार, गंभीर देखभाल और आईसीयू (गहन देखभाल इकाई) विशेषज्ञों की वजह से यह संभव हो पाया है।''

आगे कहा कि प्रकोप के पहले दो हफ्तों के दौरान मारबर्ग संक्रमण दरों में कोई बड़ा अंतर नहीं आया है। हालांकि तीसरे हफ्ते के दौरान मामलों में 50 प्रतिशत की कमी आई। संक्रमण में 92 प्रतिशत की कमी आई है जो इस संक्रमण के तेजी से नियंत्रण में आने की उम्‍मीद जगाती है।

--आईएएनएस

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