टीकाकरण अभियान में देरी से गाजा में बढ़ा पोलियो का खतरा: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने गुरुवार गाजा पट्टी में तत्काल युद्ध विराम की आवश्यकता पर बल दिया है। कहा है कि अगर टीकाकरण अभियान के अंतिम चरण में देरी हुई तो वहां पोलियो का खतरा पैदा हो सकता है। पोलियो टीकाकरण अभियान का तीसरा और अंतिम चरण बुधवार को गाजा में शुरू होने वाला था मगर जारी संघर्ष और हवाई हमलों के बीच बड़े पैमाने पर विस्थापन के कारण इसे स्थगित करना पड़ा।फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) की प्रवक्ता लुईस वाटरिज ने कहा, "गाजा में पोलियो के प्रकोप को रोकना जरूरी है, इससे पहले कि और बच्चे लकवाग्रस्त हो जाएं और यह वायरस फैल जाए।""मानवीय सहायता के कार्यान्वयन के माध्यम से टीकाकरण अभियान को उत्तर में सुगम बनाया जाना चाहिए।"वाटरिज ने कहा कि नागरिक बुनियादी ढांचों लगातार हो रहे हमलों ने वहां उत्तरी गाजा में लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। नतीजतन पीड़ित परिवारों के लिए अपने बच्चों को टीकाकरण स्थल तक सुरक्षित लाना बहुत मुश्किल हो चुका है और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी काम करना असंभव हो गया है।सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अक्टूबर को पोलियो टीकाकरण अभियान के दूसरे दौर की शुरुआत के बाद से गाजा में 10 वर्ष से कम आयु के 442,855 बच्चों को सफलतापूर्वक टीका लगाया गया है, जो इन क्षेत्रों में लक्ष्य का 94 प्रतिशत हिस्सा है।संक्रमण को रोकने के लिए प्रत्येक समुदाय और पड़ोस के कम से कम 90 प्रतिशत बच्चों को पहले दौर के बाद दूसरा टीका लगना जरूरी है। इनमें 119,000 से अधिक बच्चे शामिल हैं।प्रवक्ता ने कहा कि उत्तरी गाजा में लोग मौत के डर के साथ विनाश का सामना कर रहे हैं।उत्तर में 400,000 से ज्‍यादा लोग फंसे हुए हैं, जहां इजरायल ने हमास चरमपंथियों के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया है। तीन हफ्तों तक यहां कोई सहायता नहीं पहुंची और वहां कोई दुकान भी मौजूद नहीं है। सैन्य हमले ने जल सहित जीवन के लिए जरूरी चीजों तक पहुंच भी खत्‍म कर दी है।मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने गुरुवार को बताया कि जबाल्या शरणार्थी शिविर के उत्तर-पूर्व में तेल अल ज़ातर में तथा अल फलुजा में शिविर के पश्चिम में परिवार फंसे हुए हैं और वह आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। अनुमान है कि जबाल्या में 50,000 से 70,000 लोग रह गए हैं।इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र के भागीदारों द्वारा उत्तरी गाजा प्रांत में 23,000 लीटर ईंधन पहुंचाने के अनुरोध को इजरायली अधिकारियों ने अस्वीकार कर दिया था।फिलिस्तीनी सिविल डिफेंस ने कहा कि उत्तरी गाजा प्रांत में उसके अभियान पूरी तरह से बंद हो गए हैं, जिससे वहां की पूरी आबादी मानवीय सहायता से महरूम होकर जीवन यापन कर रही है।--आईएएनएसएमकेएस/केआर

Oct 25, 2024 - 11:47
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टीकाकरण अभियान में देरी से गाजा में बढ़ा पोलियो का खतरा: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने गुरुवार गाजा पट्टी में तत्काल युद्ध विराम की आवश्यकता पर बल दिया है। कहा है कि अगर टीकाकरण अभियान के अंतिम चरण में देरी हुई तो वहां पोलियो का खतरा पैदा हो सकता है।

पोलियो टीकाकरण अभियान का तीसरा और अंतिम चरण बुधवार को गाजा में शुरू होने वाला था मगर जारी संघर्ष और हवाई हमलों के बीच बड़े पैमाने पर विस्थापन के कारण इसे स्थगित करना पड़ा।

फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) की प्रवक्ता लुईस वाटरिज ने कहा, "गाजा में पोलियो के प्रकोप को रोकना जरूरी है, इससे पहले कि और बच्चे लकवाग्रस्त हो जाएं और यह वायरस फैल जाए।"

"मानवीय सहायता के कार्यान्वयन के माध्यम से टीकाकरण अभियान को उत्तर में सुगम बनाया जाना चाहिए।"

वाटरिज ने कहा कि नागरिक बुनियादी ढांचों लगातार हो रहे हमलों ने वहां उत्तरी गाजा में लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। नतीजतन पीड़ित परिवारों के लिए अपने बच्चों को टीकाकरण स्थल तक सुरक्षित लाना बहुत मुश्किल हो चुका है और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी काम करना असंभव हो गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अक्टूबर को पोलियो टीकाकरण अभियान के दूसरे दौर की शुरुआत के बाद से गाजा में 10 वर्ष से कम आयु के 442,855 बच्चों को सफलतापूर्वक टीका लगाया गया है, जो इन क्षेत्रों में लक्ष्य का 94 प्रतिशत हिस्सा है।

संक्रमण को रोकने के लिए प्रत्येक समुदाय और पड़ोस के कम से कम 90 प्रतिशत बच्चों को पहले दौर के बाद दूसरा टीका लगना जरूरी है। इनमें 119,000 से अधिक बच्चे शामिल हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि उत्तरी गाजा में लोग मौत के डर के साथ विनाश का सामना कर रहे हैं।

उत्तर में 400,000 से ज्‍यादा लोग फंसे हुए हैं, जहां इजरायल ने हमास चरमपंथियों के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया है। तीन हफ्तों तक यहां कोई सहायता नहीं पहुंची और वहां कोई दुकान भी मौजूद नहीं है। सैन्य हमले ने जल सहित जीवन के लिए जरूरी चीजों तक पहुंच भी खत्‍म कर दी है।

मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने गुरुवार को बताया कि जबाल्या शरणार्थी शिविर के उत्तर-पूर्व में तेल अल ज़ातर में तथा अल फलुजा में शिविर के पश्चिम में परिवार फंसे हुए हैं और वह आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। अनुमान है कि जबाल्या में 50,000 से 70,000 लोग रह गए हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र के भागीदारों द्वारा उत्तरी गाजा प्रांत में 23,000 लीटर ईंधन पहुंचाने के अनुरोध को इजरायली अधिकारियों ने अस्वीकार कर दिया था।

फिलिस्तीनी सिविल डिफेंस ने कहा कि उत्तरी गाजा प्रांत में उसके अभियान पूरी तरह से बंद हो गए हैं, जिससे वहां की पूरी आबादी मानवीय सहायता से महरूम होकर जीवन यापन कर रही है।

--आईएएनएस

एमकेएस/केआर

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