भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बाद मुंह छिपाती फिर रही है कनाडाई पुलिस

ओटावा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की खराब और बिना "ठोस साक्ष्य के" जांच के बाद दबाव झेल रही रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से बच रही है। हालांकि जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार घरेलू राजनीतिक लाभ के लिए भारत को बदनाम करने की अपनी सोची-समझी रणनीति पर कायम है।आरसीएमपी ने सोमवार को एक बहुप्रचारित मीडिया कांफ्रेंस आयोजित किया। उसने कहा कि एक "असाधारण परिस्थिति" ने उसे "कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधियों में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता" की उसकी चल रही जांचों के बारे में बताने के लिए मजबूर किया है।आरसीएमपी आयुक्त माइकल (माइक) ड्यूहेम ने कहा कि जांच से पता चला है कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने खुफिया गतिविधियों में शामिल होने के लिए अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया और एकत्र की गई जानकारी का इस्तेमाल दक्षिण एशियाई समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए किया गया।इस मीडिया कांफ्रेंस से उम्मीद की जा रही थी कि ड्यूहेम कनाडा के राष्ट्रीय पुलिस बल द्वारा किए गए दावों के समर्थन में पर्याप्त सबूत प्रदान करेंगे। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया।जब आईएएनएस ने इस मुद्दे की जटिलताओं के बारे में जानने के लिए ड्यूहेम से संपर्क किया, तो उन्होंने आरसीएमपी के कार्यवाहक मीडिया संबंध कार्यालय के माध्यम से जवाब दिया। उनके सहयोगी केमिली बोइली-लावोई ने कहा कि आरसीएमपी के प्रवक्ता ब्रिगिट गौवी साक्षात्कार के लिए उपलब्ध हो सकते हैं।हालांकि, गुरुवार को, आरसीएमपी पूरी तरह से पीछे हट गया, और जोर देकर कहा कि वह साक्षात्कार की व्यवस्था नहीं करा पाएगा और इस मुद्दे पर आरसीएमपी का बयान पर्याप्त है।आरसीएमपी, जो कनाडा के आठ प्रांतों, तीन क्षेत्रों और सैकड़ों नगर पालिकाओं में अधिकार क्षेत्र की पुलिस के रूप में कार्य करती है, देश में बढ़ते हिंसक उग्रवाद को रोकने में अपनी विफलता को लेकर पहले से ही सवालों के घेरे में है।भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत के 26 प्रत्यर्पण अनुरोधों पर कार्रवाई न करने के लिए आरसीएमपी और ट्रूडो सरकार पर कटाक्ष किया, जिसमें कुछ कट्टर खालिस्तानी चरमपंथियों और अपराधियों के प्रत्यर्पण के अनुरोध भी शामिल हैं, जो कनाडा में भी अराजकता फैलाने में भी शामिल हैं।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "अब तक कनाडा की ओर से हमारे अनुरोधों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह बहुत गंभीर है। साथ ही हमें यह बहुत अजीब लगता है कि जिन लोगों को हमने निर्वासित करने के लिए कहा था, जिन पर हमने कार्रवाई करने के लिए कहा था, आरसीएमपी (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) का आरोप है कि वे कनाडा में अपराध कर रहे हैं जिनके लिए भारत दोषी है। इसलिए यह एक विरोधाभास है जिसे हम समझ नहीं पा रहे हैं।"--आईएएनएसएकेजे/

Oct 17, 2024 - 16:15
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भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बाद मुंह छिपाती फिर रही है कनाडाई पुलिस

ओटावा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की खराब और बिना "ठोस साक्ष्य के" जांच के बाद दबाव झेल रही रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से बच रही है। हालांकि जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार घरेलू राजनीतिक लाभ के लिए भारत को बदनाम करने की अपनी सोची-समझी रणनीति पर कायम है।

आरसीएमपी ने सोमवार को एक बहुप्रचारित मीडिया कांफ्रेंस आयोजित किया। उसने कहा कि एक "असाधारण परिस्थिति" ने उसे "कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधियों में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता" की उसकी चल रही जांचों के बारे में बताने के लिए मजबूर किया है।

आरसीएमपी आयुक्त माइकल (माइक) ड्यूहेम ने कहा कि जांच से पता चला है कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने खुफिया गतिविधियों में शामिल होने के लिए अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया और एकत्र की गई जानकारी का इस्तेमाल दक्षिण एशियाई समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए किया गया।

इस मीडिया कांफ्रेंस से उम्मीद की जा रही थी कि ड्यूहेम कनाडा के राष्ट्रीय पुलिस बल द्वारा किए गए दावों के समर्थन में पर्याप्त सबूत प्रदान करेंगे। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया।

जब आईएएनएस ने इस मुद्दे की जटिलताओं के बारे में जानने के लिए ड्यूहेम से संपर्क किया, तो उन्होंने आरसीएमपी के कार्यवाहक मीडिया संबंध कार्यालय के माध्यम से जवाब दिया। उनके सहयोगी केमिली बोइली-लावोई ने कहा कि आरसीएमपी के प्रवक्ता ब्रिगिट गौवी साक्षात्कार के लिए उपलब्ध हो सकते हैं।

हालांकि, गुरुवार को, आरसीएमपी पूरी तरह से पीछे हट गया, और जोर देकर कहा कि वह साक्षात्कार की व्यवस्था नहीं करा पाएगा और इस मुद्दे पर आरसीएमपी का बयान पर्याप्त है।

आरसीएमपी, जो कनाडा के आठ प्रांतों, तीन क्षेत्रों और सैकड़ों नगर पालिकाओं में अधिकार क्षेत्र की पुलिस के रूप में कार्य करती है, देश में बढ़ते हिंसक उग्रवाद को रोकने में अपनी विफलता को लेकर पहले से ही सवालों के घेरे में है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत के 26 प्रत्यर्पण अनुरोधों पर कार्रवाई न करने के लिए आरसीएमपी और ट्रूडो सरकार पर कटाक्ष किया, जिसमें कुछ कट्टर खालिस्तानी चरमपंथियों और अपराधियों के प्रत्यर्पण के अनुरोध भी शामिल हैं, जो कनाडा में भी अराजकता फैलाने में भी शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "अब तक कनाडा की ओर से हमारे अनुरोधों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह बहुत गंभीर है। साथ ही हमें यह बहुत अजीब लगता है कि जिन लोगों को हमने निर्वासित करने के लिए कहा था, जिन पर हमने कार्रवाई करने के लिए कहा था, आरसीएमपी (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) का आरोप है कि वे कनाडा में अपराध कर रहे हैं जिनके लिए भारत दोषी है। इसलिए यह एक विरोधाभास है जिसे हम समझ नहीं पा रहे हैं।"

--आईएएनएस

एकेजे/

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