मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया की स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय: विदेश मंत्री जयशंकर

कजान, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया को लेकर इस बात की व्यापक चिंता बनी हुई है कि चल रहा संघर्ष क्षेत्र में और फैलेगा। उन्होने पीएम मोदी के विचारों को दोहराया कि यह दौर युद्धों का नहीं है। विवादों और मतभेदों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए। विदेश मंत्री ने कजान में ब्रिक्स आउटरीच सत्र में कहा, "मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया की स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है। इस बात को लेकर व्यापक चिंता है कि संघर्ष इस क्षेत्र में और फैल जाएगा। समुद्री व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कोई भी दृष्टिकोण निष्पक्ष और टिकाऊ होना चाहिए, जिससे दो-राज्य समाधान निकल सके।"जयशंकर ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि यह युद्ध का युग नहीं है। विवादों और मतभेदों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए। एक बार समझौते पर पहुंच जाने के बाद, उसका ईमानदारी से सम्मान किया जाना चाहिए। बिना किसी अपवाद के अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन किया जाना चाहिए और आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता होनी चाहिए।"शुक्रवार को आउटरीच/ब्रिक्स-प्लस प्रारूप में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में सीआईएस देशों के नेताओं, एशियाई, अफ्रीकी, मध्य पूर्वी और लैटिन अमेरिकी देशों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कार्यकारी निकायों के प्रमुखों ने भाग लिया।--आईएएनएसएमके/

Oct 24, 2024 - 13:29
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मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया की स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय: विदेश मंत्री जयशंकर

कजान, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया को लेकर इस बात की व्यापक चिंता बनी हुई है कि चल रहा संघर्ष क्षेत्र में और फैलेगा। उन्होने पीएम मोदी के विचारों को दोहराया कि यह दौर युद्धों का नहीं है। विवादों और मतभेदों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए।

विदेश मंत्री ने कजान में ब्रिक्स आउटरीच सत्र में कहा, "मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया की स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है। इस बात को लेकर व्यापक चिंता है कि संघर्ष इस क्षेत्र में और फैल जाएगा। समुद्री व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कोई भी दृष्टिकोण निष्पक्ष और टिकाऊ होना चाहिए, जिससे दो-राज्य समाधान निकल सके।"

जयशंकर ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि यह युद्ध का युग नहीं है। विवादों और मतभेदों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए। एक बार समझौते पर पहुंच जाने के बाद, उसका ईमानदारी से सम्मान किया जाना चाहिए। बिना किसी अपवाद के अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन किया जाना चाहिए और आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता होनी चाहिए।"

शुक्रवार को आउटरीच/ब्रिक्स-प्लस प्रारूप में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में सीआईएस देशों के नेताओं, एशियाई, अफ्रीकी, मध्य पूर्वी और लैटिन अमेरिकी देशों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कार्यकारी निकायों के प्रमुखों ने भाग लिया।

--आईएएनएस

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