चीन में लोहे और इस्पात के उत्पादन में कम कार्बन उत्सर्जन साकार

बीजिंग, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। चीन के शांगहाई में 'विश्व कम कार्बन धातु शोधन नवाचार मंच-2024' आयोजित हो रहा है। चीनी लोहा और इस्पात उद्योग संघ के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल अगस्त तक चीन में 140 से अधिक लोहा-इस्पात उद्यम हैं। 62 करोड़ टन से अधिक लोहे और इस्पात की उत्पादन क्षमता ने बहुत कम कार्बन उत्सर्जन को साकार कर लिया है। लोहा और इस्पात उद्योग संघ ने हाल में कम कार्बन उत्सर्जन वाले इस्पात का राष्ट्रीय सामूहिक मापदंड जारी किया। इसमें लोहे-इस्पात व्यवसाय से संबंधित उद्यमों और कार्बन उत्सर्जन कम करने वाले विभिन्न तकनीकों के मूल्यांकन का लक्ष्य निर्धारित किया गया। बताया जाता है कि उक्त मापदंड बनाने के दौरान इन लोहे-इस्पात उद्यमों ने भी भाग लिया, जिनकी उत्पादन क्षमता 33 करोड़ टन के बराबर है। 'विश्व कम कार्बन धातु शोधन नवाचार मंच-2024' पर कम कार्बन उत्सर्जन वाले इस्पात के पहले चरण के उत्पादन भी लॉन्च किए गए। लोहे और इस्पात बाजार की मांग और तकनीकी प्रगति के चलते अनुमान है कि वर्ष 2030 तक उच्च श्रेणी की लोहे-इस्पात सामग्री के विकास और प्रयोग से डाउनस्ट्रीम व्यवसायों में कार्बन के उत्सर्जन में 1 अरब 35 करोड़ टन से अधिक की कमी होगी। (साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)--आईएएनएसएबीएम/

Oct 25, 2024 - 15:47
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चीन में लोहे और इस्पात के उत्पादन में कम कार्बन उत्सर्जन साकार

बीजिंग, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। चीन के शांगहाई में 'विश्व कम कार्बन धातु शोधन नवाचार मंच-2024' आयोजित हो रहा है। चीनी लोहा और इस्पात उद्योग संघ के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल अगस्त तक चीन में 140 से अधिक लोहा-इस्पात उद्यम हैं। 62 करोड़ टन से अधिक लोहे और इस्पात की उत्पादन क्षमता ने बहुत कम कार्बन उत्सर्जन को साकार कर लिया है।

लोहा और इस्पात उद्योग संघ ने हाल में कम कार्बन उत्सर्जन वाले इस्पात का राष्ट्रीय सामूहिक मापदंड जारी किया। इसमें लोहे-इस्पात व्यवसाय से संबंधित उद्यमों और कार्बन उत्सर्जन कम करने वाले विभिन्न तकनीकों के मूल्यांकन का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

बताया जाता है कि उक्त मापदंड बनाने के दौरान इन लोहे-इस्पात उद्यमों ने भी भाग लिया, जिनकी उत्पादन क्षमता 33 करोड़ टन के बराबर है।

'विश्व कम कार्बन धातु शोधन नवाचार मंच-2024' पर कम कार्बन उत्सर्जन वाले इस्पात के पहले चरण के उत्पादन भी लॉन्च किए गए। लोहे और इस्पात बाजार की मांग और तकनीकी प्रगति के चलते अनुमान है कि वर्ष 2030 तक उच्च श्रेणी की लोहे-इस्पात सामग्री के विकास और प्रयोग से डाउनस्ट्रीम व्यवसायों में कार्बन के उत्सर्जन में 1 अरब 35 करोड़ टन से अधिक की कमी होगी।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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