'बाहरी आर्थिक दबाव' के बीच मजबूत हो रहे भारत-रूस व्यापारिक संबंध: रूस के डिप्टी पीएम

मुंबई, 11 नवंबर (आईएएनएस)। रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने सोमवार को कहा कि कि "बाहरी आर्थिक दबाव" के बीच भी रूस-भारत के व्यापारिक संबंध मजबूत होते जा रहे हैं। उन्होंने ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री के विकास और परमाणु क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने को दोनों देशों के बीच भविष्य के सहयोग के प्राथमिकता वाले तकनीकी क्षेत्र बताया। मंटुरोव और विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने मुंबई में भारत-रूस बिजनेस फोरम में रूसी और भारतीय व्यवसायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। यह मुलाकात मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले अंतर-सरकारी रूसी-भारतीय आयोग के 25वें सत्र से पहले हुई।फोरम में दोनों देशों के उद्यमियों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर सत्र आयोजित किए गए।अपने संबोधन में मंटुरोव ने बताया कि दोनों देशों के बीच उच्च प्रभाव वाली आर्थिक साझेदारी का आधार दो राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिनकी भावना 'समान' है - भारत का 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम और रूसी सरकार की तरफ से प्रौद्योगिकीय संप्रभुता की दिशा में उठाया गया कदम। उन्होंने कहा कि इन दोनों पहलों का उद्देश्य उत्पादन की गति में तेजी लाना, इनोवेशन का विकास करना और बुनियादी ढांचे संबंधी बाधाओं को हटाना है।विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत, जिसकी विकास दर 'आने वाले कई दशकों तक' 8 प्रतिशत रहेगी और रूस, जो प्रमुख प्राकृतिक संसाधन प्रदाता और टेकनोलॉजी लीडर है, के बीच साझेदारी दोनों देशों तथा विश्व के लिए अच्छी होगी।मंटुरोव और विदेश मंत्री जयशंकर मंगलवार को व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 25वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के लिए उच्चतम-स्तरीय मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें व्यापार से लेकर सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक के व्यापक क्षेत्र शामिल हैं।--आईएएनएसएमके/

Nov 11, 2024 - 11:44
 0
'बाहरी आर्थिक दबाव' के बीच मजबूत हो रहे भारत-रूस व्यापारिक संबंध: रूस के डिप्टी पीएम

मुंबई, 11 नवंबर (आईएएनएस)। रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने सोमवार को कहा कि कि "बाहरी आर्थिक दबाव" के बीच भी रूस-भारत के व्यापारिक संबंध मजबूत होते जा रहे हैं। उन्होंने ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री के विकास और परमाणु क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने को दोनों देशों के बीच भविष्य के सहयोग के प्राथमिकता वाले तकनीकी क्षेत्र बताया।

मंटुरोव और विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने मुंबई में भारत-रूस बिजनेस फोरम में रूसी और भारतीय व्यवसायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। यह मुलाकात मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले अंतर-सरकारी रूसी-भारतीय आयोग के 25वें सत्र से पहले हुई।

फोरम में दोनों देशों के उद्यमियों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर सत्र आयोजित किए गए।

अपने संबोधन में मंटुरोव ने बताया कि दोनों देशों के बीच उच्च प्रभाव वाली आर्थिक साझेदारी का आधार दो राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिनकी भावना 'समान' है - भारत का 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम और रूसी सरकार की तरफ से प्रौद्योगिकीय संप्रभुता की दिशा में उठाया गया कदम। उन्होंने कहा कि इन दोनों पहलों का उद्देश्य उत्पादन की गति में तेजी लाना, इनोवेशन का विकास करना और बुनियादी ढांचे संबंधी बाधाओं को हटाना है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत, जिसकी विकास दर 'आने वाले कई दशकों तक' 8 प्रतिशत रहेगी और रूस, जो प्रमुख प्राकृतिक संसाधन प्रदाता और टेकनोलॉजी लीडर है, के बीच साझेदारी दोनों देशों तथा विश्व के लिए अच्छी होगी।

मंटुरोव और विदेश मंत्री जयशंकर मंगलवार को व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 25वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के लिए उच्चतम-स्तरीय मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें व्यापार से लेकर सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक के व्यापक क्षेत्र शामिल हैं।

--आईएएनएस

एमके/

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

HamroGlobalMedia तपाईं पनि हाम्रो वेबसाइट मा समाचार वा आफ्नो विचार लेख्न सक्नुहुन्छ। आजै खाता खोल्नुहोस्। https://www.hamroglobalmedia.com/register