जापानी राजकुमारी युरिको का 101 वर्ष की आयु में निधन

टोक्यो, 15 नवंबर (आईएएनएस)। जापानी शाही परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य और सम्राट नारुहितो की परदादी राजकुमारी युरिको का शुक्रवार को टोक्यो के एक अस्पताल में 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया।इंपीरियल हाउसहोल्ड एजेंसी ने यह जानकारी दी है।समाचार एजेंसी क्योडो की रिपोर्ट के अनुसार, राजकुमारी युरिको की मृत्यु के बाद शाही परिवार में केवल 16 सदस्य बचे हैं, क्योंकि 1947 के इंपीरियल हाउस कानून के तहत महिला सदस्यों को एक आम व्यक्ति से शादी करने पर राजघराना छोड़ना पड़ता है।प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने राजकुमारी युरिको की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की।इशिबा ने कहा, "मैं इस क्षति के बारे में सुनकर दुखी हूं। मैं अन्य जापानी नागरिकों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।"जापान के पूर्व कुलीन वर्ग की सदस्य राजकुमारी युरिको को हल्के स्ट्रोक और एस्पिरेशन न्यूमोनाइटिस से पीड़ित होने के बाद मार्च में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उपचार के दौरान इस महीने की शुरुआत में मेडिकल जांच में पता चला कि उनके हृदय और गुर्दे पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं।साल 1923 में जन्मी राजकुमारी युरिको ने 1941 में 18 साल की उम्र में सम्राट हिरोहितो (मरणोपरांत सम्राट शोवा) के सबसे छोटे भाई राजकुमार मिकासा से विवाह किया। उसके बाद उन्होंने गाकुशुइन महिला अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।उनके पति का 2016 में 100 वर्ष की आयु में हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। दंपति के पांच बच्चे थे, जिनमें से तीन बेटे और दो बेटियां थीं। उनके बेटों राजकुमार तोमोहितो, कत्सुरा और ताकामाडो की उनसे पहले ही मृत्यु हो चुकी है।राजकुमारी युरिको सार्वजनिक सेवा में काफी सक्रिय थीं और उन्होंने जापानी रेड क्रॉस सोसायटी के मानद उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।वह 1948 से 2010 तक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली संस्था इंपीरियल गिफ्ट फाउंडेशन बोशी-ऐइकू-काई की अध्यक्ष भी रहीं।--आईएएनएसएकेएस/एकेजे

Nov 15, 2024 - 15:27
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जापानी राजकुमारी युरिको का 101 वर्ष की आयु में निधन

टोक्यो, 15 नवंबर (आईएएनएस)। जापानी शाही परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य और सम्राट नारुहितो की परदादी राजकुमारी युरिको का शुक्रवार को टोक्यो के एक अस्पताल में 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

इंपीरियल हाउसहोल्ड एजेंसी ने यह जानकारी दी है।

समाचार एजेंसी क्योडो की रिपोर्ट के अनुसार, राजकुमारी युरिको की मृत्यु के बाद शाही परिवार में केवल 16 सदस्य बचे हैं, क्योंकि 1947 के इंपीरियल हाउस कानून के तहत महिला सदस्यों को एक आम व्यक्ति से शादी करने पर राजघराना छोड़ना पड़ता है।

प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने राजकुमारी युरिको की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की।

इशिबा ने कहा, "मैं इस क्षति के बारे में सुनकर दुखी हूं। मैं अन्य जापानी नागरिकों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।"

जापान के पूर्व कुलीन वर्ग की सदस्य राजकुमारी युरिको को हल्के स्ट्रोक और एस्पिरेशन न्यूमोनाइटिस से पीड़ित होने के बाद मार्च में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उपचार के दौरान इस महीने की शुरुआत में मेडिकल जांच में पता चला कि उनके हृदय और गुर्दे पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं।

साल 1923 में जन्मी राजकुमारी युरिको ने 1941 में 18 साल की उम्र में सम्राट हिरोहितो (मरणोपरांत सम्राट शोवा) के सबसे छोटे भाई राजकुमार मिकासा से विवाह किया। उसके बाद उन्होंने गाकुशुइन महिला अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

उनके पति का 2016 में 100 वर्ष की आयु में हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। दंपति के पांच बच्चे थे, जिनमें से तीन बेटे और दो बेटियां थीं। उनके बेटों राजकुमार तोमोहितो, कत्सुरा और ताकामाडो की उनसे पहले ही मृत्यु हो चुकी है।

राजकुमारी युरिको सार्वजनिक सेवा में काफी सक्रिय थीं और उन्होंने जापानी रेड क्रॉस सोसायटी के मानद उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

वह 1948 से 2010 तक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली संस्था इंपीरियल गिफ्ट फाउंडेशन बोशी-ऐइकू-काई की अध्यक्ष भी रहीं।

--आईएएनएस

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