रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का मुद्दा, कीव के विशेष दूत कर सकते हैं सोल का दौरा

सोल, 26 नवंबर (आईएएनएस)। यूक्रेन के शीर्ष राजनयिक ने उम्मीद जताई कि उनके विशेष दूत निकट भविष्य में सोल का दौरा करेंगे और रूस की मदद के लिए आए उत्तर कोरियाई सैनिकों पर चर्चा करेंगे। योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने सोमवार (स्थानीय समयानुसार) को इटली में दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री चो ताए-युल से मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की।यह मुलाकात ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) देशों के शीर्ष राजनयिकों की बैठक के दौरान हुई थी।दक्षिण कोरिया और यूक्रेन उन गैर-जी7 सदस्यों में शामिल थे जिन्हें अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया गया था।सिबिहा ने उत्तर कोरिया की सेना की तैनाती के जवाब में 'कार्रवाई की जरुरत' पर जोर दिया और इसे यूक्रेन और दक्षिण कोरिया दोनों के लिए 'साझा सुरक्षा चिंता' बताया।सिबिहा को उम्मीद है कि सोल, मॉस्को और प्योंगयांग के बीच अवैध सैन्य सहयोग के संबंध में सूचना साझा करने पर यूक्रेन के साथ मिलकर काम करेगा।बता दें दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​है कि उत्तर कोरिया ने मॉस्को की मदद के लिए रूस के पश्चिमी कुर्स्क सीमा क्षेत्र में 10,000 से अधिक सैनिक भेजे हैं।दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि कुछ उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भी शामिल हैं।चो ने कहा कि उत्तर कोरिया की सैन्य तैनाती ने रूस-यूक्रेन युद्ध को एक नए चरण में धकेलकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षा खतरों, रूस-उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग के खिलाफ चरणबद्ध और व्यावहारिक कदम उठाएगी।--आईएएनएसएमके/

Nov 26, 2024 - 07:03
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रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का मुद्दा, कीव के विशेष दूत कर सकते हैं सोल का दौरा

सोल, 26 नवंबर (आईएएनएस)। यूक्रेन के शीर्ष राजनयिक ने उम्मीद जताई कि उनके विशेष दूत निकट भविष्य में सोल का दौरा करेंगे और रूस की मदद के लिए आए उत्तर कोरियाई सैनिकों पर चर्चा करेंगे।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने सोमवार (स्थानीय समयानुसार) को इटली में दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री चो ताए-युल से मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की।

यह मुलाकात ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) देशों के शीर्ष राजनयिकों की बैठक के दौरान हुई थी।

दक्षिण कोरिया और यूक्रेन उन गैर-जी7 सदस्यों में शामिल थे जिन्हें अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया गया था।

सिबिहा ने उत्तर कोरिया की सेना की तैनाती के जवाब में 'कार्रवाई की जरुरत' पर जोर दिया और इसे यूक्रेन और दक्षिण कोरिया दोनों के लिए 'साझा सुरक्षा चिंता' बताया।

सिबिहा को उम्मीद है कि सोल, मॉस्को और प्योंगयांग के बीच अवैध सैन्य सहयोग के संबंध में सूचना साझा करने पर यूक्रेन के साथ मिलकर काम करेगा।

बता दें दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​है कि उत्तर कोरिया ने मॉस्को की मदद के लिए रूस के पश्चिमी कुर्स्क सीमा क्षेत्र में 10,000 से अधिक सैनिक भेजे हैं।

दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि कुछ उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भी शामिल हैं।

चो ने कहा कि उत्तर कोरिया की सैन्य तैनाती ने रूस-यूक्रेन युद्ध को एक नए चरण में धकेलकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षा खतरों, रूस-उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग के खिलाफ चरणबद्ध और व्यावहारिक कदम उठाएगी।

--आईएएनएस

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