ब्रिक्स ने अगर तलाशा डॉलर का विकल्प तो लगेगा 100 फीसदी टैरिफ, ट्रंप की धमकी

न्यूयॉर्क, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को नई मुद्रा विकसित करने या 'शक्तिशाली डॉलर' की जगह पर कोई अन्य करेंसी अपनाने को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने धमकी दी है कि अगर ऐसा कोई कदम उठाया जाता है तो ब्रिक्स देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा और उन्हें अमेरिकी बाजारों से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित किया जाएगा। ब्रिक्स में दुनिया की दो सबसे बड़ी उभरती शक्तियां चीन और भारत भी शामिल हैं।ट्रंप ने शनिवार को ट्रुथ सोशल पर लिखा, "इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स इंटरनेशनल ट्रेड में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए।"भारत और ब्रिक्स के अन्य आठ सदस्यों के लिए अमेरिकी बाजार को बंद करने की धमकी देते हुए उन्होंने कहा, "हमें इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और उन्हें अद्भुत अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपने उत्पाद बेचने को विदा कहना होगा।"चीन, मैक्सिको और कनाडा से आयात पर उच्च टैरिफ की धमकी देने के बाद ट्रंप ने अब ब्रिक्स को यह चेतावनी दी है।विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर पहले ही ब्रिक्स देशों की साझा मुद्रा के विचार को स्पष्ट रूप से खारिज कर चुके हैं। उन्होंने पिछले साल जोहान्सबर्ग में समूह के शिखर सम्मेलन से पहले कहा था, "ब्रिक्स देशों की मुद्रा जैसा कोई विचार नहीं है।"भारत ब्रिक्स देशों की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।हालांकि ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने फिर भी जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में एक आम मुद्रा का प्रस्ताव रखा, लेकिन इस पर कोई प्रगति नहीं हुई।अपने अभियान के दौरान, ट्रंप ने जोर देकर कहा कि दुनिया की प्रमुख व्यापारिक मुद्रा के रूप में डॉलर के भविष्य को ख़तरा है। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन इसे अनदेखा कर रहे हैं। उन्होंने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा, "यह सोच कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम खड़े होकर देखते रहें, खत्म हो चुकी है।"ब्रिक्स देशों को दी गई ट्रंप की चेतावनी एक तरह से टेस्टिंग है। इसमें यह देखा जाएगा कि कौन से देश सार्वजनिक रूप से भारत जैसा रुख अपनाएंगे। यह बीजिंग के लिए एक पूर्व चेतावनी है।ब्रिक्स, अपने पहले सदस्यों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नामों से बना एक संक्षिप्त नाम है। इस साल इसका विस्तार करके इसमें ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को शामिल किया गया। कई अन्य देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।--आईएएनएस-एमके

Dec 1, 2024 - 09:57
 0
ब्रिक्स ने अगर तलाशा डॉलर का विकल्प तो लगेगा 100 फीसदी टैरिफ, ट्रंप की धमकी

न्यूयॉर्क, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को नई मुद्रा विकसित करने या 'शक्तिशाली डॉलर' की जगह पर कोई अन्य करेंसी अपनाने को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने धमकी दी है कि अगर ऐसा कोई कदम उठाया जाता है तो ब्रिक्स देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा और उन्हें अमेरिकी बाजारों से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित किया जाएगा।

ब्रिक्स में दुनिया की दो सबसे बड़ी उभरती शक्तियां चीन और भारत भी शामिल हैं।

ट्रंप ने शनिवार को ट्रुथ सोशल पर लिखा, "इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स इंटरनेशनल ट्रेड में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए।"

भारत और ब्रिक्स के अन्य आठ सदस्यों के लिए अमेरिकी बाजार को बंद करने की धमकी देते हुए उन्होंने कहा, "हमें इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और उन्हें अद्भुत अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपने उत्पाद बेचने को विदा कहना होगा।"

चीन, मैक्सिको और कनाडा से आयात पर उच्च टैरिफ की धमकी देने के बाद ट्रंप ने अब ब्रिक्स को यह चेतावनी दी है।

विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर पहले ही ब्रिक्स देशों की साझा मुद्रा के विचार को स्पष्ट रूप से खारिज कर चुके हैं। उन्होंने पिछले साल जोहान्सबर्ग में समूह के शिखर सम्मेलन से पहले कहा था, "ब्रिक्स देशों की मुद्रा जैसा कोई विचार नहीं है।"

भारत ब्रिक्स देशों की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

हालांकि ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने फिर भी जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में एक आम मुद्रा का प्रस्ताव रखा, लेकिन इस पर कोई प्रगति नहीं हुई।

अपने अभियान के दौरान, ट्रंप ने जोर देकर कहा कि दुनिया की प्रमुख व्यापारिक मुद्रा के रूप में डॉलर के भविष्य को ख़तरा है। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन इसे अनदेखा कर रहे हैं। उन्होंने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा, "यह सोच कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम खड़े होकर देखते रहें, खत्म हो चुकी है।"

ब्रिक्स देशों को दी गई ट्रंप की चेतावनी एक तरह से टेस्टिंग है। इसमें यह देखा जाएगा कि कौन से देश सार्वजनिक रूप से भारत जैसा रुख अपनाएंगे। यह बीजिंग के लिए एक पूर्व चेतावनी है।

ब्रिक्स, अपने पहले सदस्यों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नामों से बना एक संक्षिप्त नाम है। इस साल इसका विस्तार करके इसमें ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को शामिल किया गया। कई अन्य देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।

--आईएएनएस

-एमके

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

HamroGlobalMedia तपाईं पनि हाम्रो वेबसाइट मा समाचार वा आफ्नो विचार लेख्न सक्नुहुन्छ। आजै खाता खोल्नुहोस्। https://www.hamroglobalmedia.com/register