रवांडा में 1,600 से अधिक लोगों ने मारबर्ग वायरस बीमारी के खिलाफ किया टीकाकरण

किगाली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। रवांडा में 1,600 से अधिक लोगों को मारबर्ग वायरस बीमारी के खिलाफ टीका लगाया गया है। इनमें वायरस के संक्रमण के अधिक जोखिम वाले लोग और संक्रमित मामलों के संपर्क में आए लोग शामिल हैं। रवांडा के स्वास्थ्य मंत्री युवान बुतेरा ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, उन्होंने बताया कि पॉजिटिव लोगों से 500 लोगों का संपर्क निगरानी में है और प्राथमिकता है कि वायरस का जल्दी पता लगाया जाए, तेजी से टेस्ट किया जाए, पॉजिटिव मामलों को आइसोलेट और उनका इलाज किया जाए। इसके साथ ही अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जाए। इन उपायों से प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद मिली है।सितंबर के अंत में मारबर्ग वायरस का प्रकोप घोषित होने के बाद से अब तक रवांडा में 66 पुष्ट मामले और 15 मौतें हो चुकी हैं। इनमें ज्यादातर स्वास्थ्यकर्मी प्रभावित हैं। इसके अलावा, कम से कम 49 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि दो लोग इलाज करा रहे हैं।बुतेरा ने कहा कि इस बीमारी से मृत्यु दर 22.7 प्रतिशत है, जो शायद सबसे कम है। अब तक लगभग 6,000 लोगों का टेस्ट किया गया है, जिनमें ज्यादातर उच्च जोखिम में हैं या संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हैं।मारबर्ग वायरस चमगादड़ों से इंसानों में फैलता है और संक्रमित लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ, सतहों और सामग्रियों के सीधे संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और कमजोरी शामिल हैं। कई मरीजों में सात दिनों के भीतर गंभीर रक्तस्रावी लक्षण भी विकसित हो सकते हैं।--आईएएनएसएएस/

Nov 2, 2024 - 04:43
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रवांडा में 1,600 से अधिक लोगों ने मारबर्ग वायरस बीमारी के खिलाफ किया टीकाकरण

किगाली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। रवांडा में 1,600 से अधिक लोगों को मारबर्ग वायरस बीमारी के खिलाफ टीका लगाया गया है। इनमें वायरस के संक्रमण के अधिक जोखिम वाले लोग और संक्रमित मामलों के संपर्क में आए लोग शामिल हैं। रवांडा के स्वास्थ्य मंत्री युवान बुतेरा ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, उन्होंने बताया कि पॉजिटिव लोगों से 500 लोगों का संपर्क निगरानी में है और प्राथमिकता है कि वायरस का जल्दी पता लगाया जाए, तेजी से टेस्ट किया जाए, पॉजिटिव मामलों को आइसोलेट और उनका इलाज किया जाए। इसके साथ ही अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जाए। इन उपायों से प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद मिली है।

सितंबर के अंत में मारबर्ग वायरस का प्रकोप घोषित होने के बाद से अब तक रवांडा में 66 पुष्ट मामले और 15 मौतें हो चुकी हैं। इनमें ज्यादातर स्वास्थ्यकर्मी प्रभावित हैं। इसके अलावा, कम से कम 49 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि दो लोग इलाज करा रहे हैं।

बुतेरा ने कहा कि इस बीमारी से मृत्यु दर 22.7 प्रतिशत है, जो शायद सबसे कम है। अब तक लगभग 6,000 लोगों का टेस्ट किया गया है, जिनमें ज्यादातर उच्च जोखिम में हैं या संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हैं।

मारबर्ग वायरस चमगादड़ों से इंसानों में फैलता है और संक्रमित लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ, सतहों और सामग्रियों के सीधे संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और कमजोरी शामिल हैं। कई मरीजों में सात दिनों के भीतर गंभीर रक्तस्रावी लक्षण भी विकसित हो सकते हैं।

--आईएएनएस

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